Saturday, June 10, 2023

आप सवाल पूछते है लालूवाद क्या है.? आज जवाब लीजिए।-आडवाणी की रथयात्रा रोक कर पूरे देश की साम्प्रदायिक ताकतों को चुनौती देना लालूवाद है।-मण्डल की लड़ाई के लिए बिहार जैसे पिछड़े राज्य में सामाजिक न्याय स्थापित करना लालूवाद है।-नालंदा का अतीत समेटकर गुज़ारा करने वाले राज्य में 6 विश्विद्यालय खोलना लालूवाद है।-कमेरा वर्ग को उनके ताकत का अहसास करवाने के लिए कुर्ते के ऊपर बनियान पहनकर जनसभा करना लालूवाद है।-कुम्हार वर्ग को सशक्त करने के लिए रेलवे में बिकने वाली चाय को मिट्टी की कुल्हड़ में अनिवार्य करना लालूवाद है।-एकलव्य का अँगूठा माँगने वाले देश में दलित-पिछड़े-आदिवासी समाज के बच्चों के लिए “पढ़ो या मरो” का नारा देकर चरवाहा विद्यालय खोलना लालूवाद है।-भारतीय वर्ण व्यवस्था में जातिगत अन्याय का प्रतिकार कर समतामूलक समाज की परिकल्पना लालूवाद है।-विदेशी बताकर विरोध झेलती इंदिरा गांधी की बहू के लिए चट्टान की भाँति अड़ जाना लालूवाद है।-सामन्तवाद के सीने पर लात रख के बिहार का मुस्तक़बिल संवार देना लालूवाद है।-वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल होते रहे बिहार के अल्पसंख्यक समाज को मुख्यधारा का हिस्सा बनाना ही लालूवाद है।-90 के दशक में बिहार के विश्विद्यालयों के लिए 156 करोड़ का बज़ट लालूवाद की गवाही देते हैं।-सिर पर मैला ढोने की अमानुषिक प्रथा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान करवाना लालूवाद है।-महिलाओं के लिए माहवारी के दिनों में दो दिनों के अवकाश का प्रावधान करना लालूवाद है।- ताड़ी कर माँफ कर के ताड़ी बेचने वाले पासी समाज को सशक्त करना लालूवाद है। दरअसल, बिहार की जीवनधारा में समाजवादी विचारधारा रखने वाला हर व्यक्ति लालूवादी है। सामन्तवादी, सांप्रदायिक ताकतों से लोहा लेते हुए दलित-पिछड़े-आदिवासी समाज के हक के लिए लड़ने वाला प्रत्येक इंसान लालूवादी है। लालूजी के अलंबरदारों के लिए लालूवाद एक विचारधारा है। पूरे देश को सद्भावना दिवस की शुभकामनाएं।

आप सवाल पूछते है लालूवाद क्या है.? 
आज जवाब लीजिए।

-आडवाणी की रथयात्रा रोक कर पूरे देश की साम्प्रदायिक ताकतों को चुनौती देना लालूवाद है।

-मण्डल की लड़ाई के लिए बिहार जैसे पिछड़े राज्य में सामाजिक न्याय स्थापित करना लालूवाद है।

-नालंदा का अतीत समेटकर गुज़ारा करने वाले राज्य में 6 विश्विद्यालय खोलना लालूवाद है।

-कमेरा वर्ग को उनके ताकत का अहसास करवाने के लिए कुर्ते के ऊपर बनियान पहनकर जनसभा करना लालूवाद है।

-कुम्हार वर्ग को सशक्त करने के लिए रेलवे में बिकने वाली चाय को मिट्टी की कुल्हड़ में अनिवार्य करना लालूवाद है।

-एकलव्य का अँगूठा माँगने वाले देश में दलित-पिछड़े-आदिवासी समाज के बच्चों के लिए “पढ़ो या मरो” का नारा देकर चरवाहा विद्यालय खोलना लालूवाद है।

-भारतीय वर्ण व्यवस्था में जातिगत अन्याय का प्रतिकार कर समतामूलक समाज की परिकल्पना लालूवाद है।

-विदेशी बताकर विरोध झेलती इंदिरा गांधी की बहू के लिए चट्टान की भाँति अड़ जाना लालूवाद है।

-सामन्तवाद के सीने पर लात रख के बिहार का मुस्तक़बिल संवार देना लालूवाद है।

-वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल होते रहे बिहार के अल्पसंख्यक समाज को मुख्यधारा का हिस्सा बनाना ही लालूवाद है।

-90 के दशक में बिहार के विश्विद्यालयों के लिए 156 करोड़ का बज़ट लालूवाद की गवाही देते हैं।

-सिर पर मैला ढोने की अमानुषिक प्रथा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान करवाना लालूवाद है।

-महिलाओं के लिए माहवारी के दिनों में दो दिनों के अवकाश का प्रावधान करना लालूवाद है।

- ताड़ी कर माँफ कर के ताड़ी बेचने वाले पासी समाज को सशक्त करना लालूवाद है। 

दरअसल, बिहार की जीवनधारा में समाजवादी विचारधारा रखने वाला हर व्यक्ति लालूवादी है। सामन्तवादी, सांप्रदायिक ताकतों से लोहा लेते हुए दलित-पिछड़े-आदिवासी समाज के हक के लिए लड़ने वाला प्रत्येक इंसान लालूवादी है। लालूजी के अलंबरदारों के लिए लालूवाद एक विचारधारा है। पूरे देश को सद्भावना दिवस की शुभकामनाएं।

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