#EidulAzha
“ईदुल-अज़हा” के अवसर पर कुच्छ सावधानियाँ बरतने की ज़रूरत है!
1. क़ुर्बानी ज़रूर करें लेकिन किसी भी तरह का कोई गैर क़ानूनी काम न करें और ना ही किसी ऐसे जानवर की क़ुर्बानी करें जिसकी इजाजत आप को राज्य सरकार या केन्द्र सरकार ना देती हो(प्रतिबन्धित हो),
2. प्रसाशन को पूरा सहयोग करें, किसी भी हाल में क़ानून को अपने हाथ में ना लें, देश एक व्यवस्था (क़ानून, constitution) के तहत चल रहा है उस कान्सटीटूशन को मज़बूत करें, भंग ना करें।
3.आपसी सौहार्द हर हाल में बनाए रखें, त्योहार तो तीन दिन में खत्म होजाएगा, समाज में हमें रहना है उसमें खठास ना आने पाए उसका ख्याल रखें।
4. क़ुर्बानी खुले में बिलकुल ना करें, करने के बाद उसके बचे हुए हिस्से को(जो प्रयोग में ना लाए जाते हैं) उन्हें अच्छी तरह दफ़न करें, इस बात का पूरा खयाल रखें के कोई जानवर इसे बाहर या सड़कों पर ना लेजा सके।
5. पूरी तरह सतर्क रहें, असमाजिक तत्त्वों से होशियार रहें, नज़र चौकन्नी रखें, धार्मिक स्थलों की भी निगरानी करें ताकि कोई असमाजिक तत्त्व किसी के भी धार्मिक स्थल पर कुच्छ अप्रीय चीज़ें रख कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश ना करे।
अगर ऐसा कुच्छ भी पता चले तो तुरन्त प्रसाशन को इसकी जानकारी दें, याद रखें चाहे कुच्छ भी हो लेकिन प्रसाशन का काम अपने हाथ में ना लें ।
6. क़ुर्बानी करें लेकिन “दिखावा, बड़बोलेपन और फ़ज़ूल खर्ची” से बचें।
7. Whatsapp, Facebook, Twitter (Social Media) पर कुर्बानी का photo या Video बनाकर ना डालें।
8. हमसब इंसान हैं, हमें उपर वाले ने समझ दी है , अपनी समझ और अपनी पसन्द से धर्म को अपनाने और उसपर चलने की, समझ दी है इन्सानों को जोड़ने की तोड़ने और लड़वाने की नहीं, धर्म और समझ “एक दूसरे का सम्मान, एक-दूसरे को समझने की समझ “ प्रदान करता है, धार्मिक होने का सबसे बड़ा प्रमान यही है।
आईये हमसब मिल कर अहद करें...त्योहार मिलजुल कर एक-दूसरे को सम्मान देते हूए एंव प्यार-खुशियां बांटते हुए मनाऐंग ।
#EidulAdha #babulinayat #BabulinayatRjd