Monday, September 25, 2023

वंचितों, किसानों और गरीबों के मसीहा स्व. चौधरी देवीलाल जी की जयंती पर शत - शत नमन और विन्रम श्रद्धांजलि।

वंचितों, किसानों और गरीबों के मसीहा स्व. चौधरी देवीलाल जी की जयंती पर शत - शत नमन और विन्रम श्रद्धांजलि। 

Sunday, September 24, 2023

Thursday, September 14, 2023

हिंदी भाषा अनेकता में एकता को स्थापित करने की सूत्रधार है। हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

हिंदी भाषा अनेकता में एकता को स्थापित करने की सूत्रधार है। हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। 

Thursday, September 7, 2023

मेहनत तो हर फील्ड में करनी पड़ेगी दोस्त बेकार पड़े रहने से तो लोहे में भी जंग लग जाता है।

मेहनत तो हर फील्ड में करनी पड़ेगी दोस्त बेकार पड़े रहने से तो लोहे में भी जंग लग जाता है।


Wednesday, September 6, 2023

डॉक्टर जाकिर हुसैन

डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन, भारत के एक ऐसा अज़ीम शख़्स का नाम है, जिसने अपना पूरा जीवन तालीम के लिए वक़्फ़ कर दिया। 1920 में जब वो महज़ 23 साल के थे तब जामिया मिल्लिया इस्लामिया की अलीगढ़ में बुनियाद डालने में सबसे अहम रोल अदा किया।

1926 के दौर में जब जामिया मिल्लिया इस्लामिया बंद होने के हालात पर पहुँच गई तो ज़ाकिर हुसैन ने कहा “मैं और मेरे कुछ साथी जामिया की ख़िदमत के लिए अपनी ज़िन्दगी वक़्फ़ करने के लिए तैयार हैं. हमारे आने तक जामिया को बंद न होने दिया जाए.” जबकि उस वक़्त वो जर्मनी में पीएचडी कर रहे थे।

और 1926 में डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन अपने दो दोस्त आबिद हुसैन व मुहम्मद मुजीब के साथ जर्मनी से भारत लौटकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया की ख़िदमत में लग गए। डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन 29 साल की उमर में 1926 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वाइस चांसलर बने और 1948 तक इस पद पर रहे।

इस दौरान पूरे भारत में अब्दुल मजीद ख़्वाजा के साथ पूरे भारत का दौरा कर जामिया मिलिया इस्लामिया के लिए चंदा जमा किया और उसके लिए ओखला में अलग से ज़मीन ख़रीदी। 

1 मार्च, 1935 को जामिया के सबसे छोटे छात्र अब्दुल अज़ीज़ के हाथों ओखला में जामिया मिल्लिया इस्लामिया की पहली बिल्डिंग की बुनियाद गई। जामिया के सबसे छोटे बच्चे के हाथों नींव रखवाने का ये आईडिया डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन का ही था। ज़ाकिर हुसैन का ये आईडिया गांधी जी को भी ख़ूब पसंद आया। 

प्राइमरी एजुकेशन की मुहीम चलाई और चालीस के दहाई में हिंदुस्तानी तालीमी संघ के जलसों में लगातार सक्रिय रहे। इसके बाद दिसंबर 1948 को इंडियन यूनिवर्सिटीज़ कमीशन के मेम्बर बने। भारत के बँटवारे के बाद जब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बंद होने के हालत में पहुँच गई तब उसे बचाने के लिए वहाँ गए और नवम्बर 1948 से सितम्बर 1956 तक वहाँ के वाइस चांसलर रहे।
इसी दौरान 1950 में डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सर्विस के चेयरमैन बने। 

1957 में बिहार के गवर्नर बना कर भेजे गए, इस तरह से वो ख़ुद ब ख़ुद पटना यूनिवर्सिटी के चांसलर बन गए, क्यूँकि पटना यूनिवर्सिटी का चांसलर बिहार का गवर्नर होता है। वहाँ भी वो लगातार शिक्षा के लिए काम करते रहे। उन्होंने नेत्राहाट स्कूल से लेकर ख़ुदाबख़्श लाइब्रेरी के फ़रोग़ के लिए निजी तौर पर इंट्रेस्ट लिया। देसना की तारीख़ी अल इस्लाह लाइब्रेरी की किताबें उनकी वजह कर ही बच पाई। 

1962 तक डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन पटना यूनिवर्सिटी के चांसलर और बिहार के गवर्नर रहे और फिर 13 मई 1962 को भारत के दूसरे उपराष्ट्रपति बने। शिक्षा से जुड़े प्रोग्राम में लगातार जाते रहे। फिर 1963 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के चांसलर बने और इसी पद पर रहते हुवे 13 मई 1967 को भारत के राष्ट्रपति बने और अपनी आख़री साँस तक भारत के राष्ट्रपति और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के चांसलर के पद पर रहे। 3 मई 1969 तक डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन का इंतक़ाल हुआ, उन्हें उनके बनाए हुवे इदारे जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दफ़न कर दिया गया।

Tuesday, September 5, 2023

कृषकों के आर्थिक आमदनी में वृद्धि, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव में कमी एवं उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति करने हेतु निजी भूमि पर वृक्षारोपण के लिए बाँस की टिशु कल्चर तकनीक द्वारा तैयार विभिन्न उपयोगी उन्नत प्रजातियाँ उपलब्ध कराये जायेंगे।अधिक जानकारी के लिए कॉल करें: 0612-2226911/9473045992 (कार्यालय अवधि में)आवेदन पत्र भरकर, स्थानीय वन प्रमण्डल या वन प्रक्षेत्र कार्यालय में सुरक्षित राशि ₹10/- प्रति पौधा के साथ समर्पित करें या hariyalimission@gmail.com पर ई. मेल करें।

कृषकों के आर्थिक आमदनी में वृद्धि, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव में कमी एवं उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति करने हेतु निजी भूमि पर वृक्षारोपण के लिए बाँस की टिशु कल्चर तकनीक द्वारा तैयार विभिन्न उपयोगी उन्नत प्रजातियाँ उपलब्ध कराये जायेंगे।
अधिक जानकारी के लिए कॉल करें: 0612-2226911/9473045992 (कार्यालय अवधि में)
आवेदन पत्र भरकर, स्थानीय वन प्रमण्डल या वन प्रक्षेत्र कार्यालय में सुरक्षित राशि ₹10/- प्रति पौधा के साथ समर्पित करें या hariyalimission@gmail.com पर ई. मेल करें।

Monday, September 4, 2023

राष्ट्रीय जनता दल के 27 वाँ स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

समाजवादी समर की उपज है हमारी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल,आपातकाल के आग में तपे लालू जी के तप का प्रतिफल है राजद। 

राजद एक राजनीतिक पार्टी मात्र नही,न ही इस दल का उद्देश्य केवल चुनाव में बहुमत लेकर सरकार बनाना है,बल्कि यह तो 90 के दशक में बिहार में सामाजिक क्रांति की सूत्रधार है,यह दल उनकी आवाज है जिनकी आवाज आज तक अवरोधित थी,राजद समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति की अभिव्यक्ति है, राजद बिहार का वह दल है जिसने समाजवादी धारा को प्रवाहित करने का काम पूरे देश मे किया,राजद अकलियतों की आवाज है,राजद शोषितों की शान है,वंचितो का अधिकार है,सामंतीयो की शामत है,राजद एक दल नही एक विचारधारा है,जिसके आधार में लोहिया व जयप्रकाश के विचार स्थापित है। 

यह पार्टी न होती तो  गरीब वंचित शोषित आज समाज की मुख्यधारा में न होता,पार्टी के 27 वीं स्थापना दिवस की सभी नेता एवं कार्यकर्ताओं को दिल से मुबारकबाद। 
मुझे गर्व है मैं राजद का समर्थक हूँ। 

                                         बाबुल इनायत
                                       9507860937
         सोशल मीडिया प्रभारी राष्ट्रीय जनता दल अररिया बिहार

बिहार राज्य फसल सहायता योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक किसानों द्वारा निःशुल्क आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेज अपलोड किये जायेंगे। आवेदन ऑनलाइन करने के लिए वेबसाइट पर विजिट करें https://state.bihar.gov.in/cooperative

बिहार राज्य फसल सहायता योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक किसानों द्वारा निःशुल्क आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेज अपलोड किये जायेंगे। 
आवेदन ऑनलाइन करने के लिए वेबसाइट पर विजिट करें
https://state.bihar.gov.in/cooperative

यह योजना रैयत, गैर रैयत तथा आंशिक रूप से रैयत एवं गैर रैयत दोनों श्रेणी के किसानों के लिए है ।20% तक क्षति होने पर 7500 प्रति हेक्टेयर20% से अधिक क्षति होने पर 10000 प्रति हेक्टयरऑनलाइन करने के लिए वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/cooperative पर विजिट करें टॉल फ्री नंबर - 18001800110

यह योजना रैयत, गैर रैयत तथा आंशिक रूप से रैयत एवं गैर रैयत दोनों श्रेणी के किसानों के लिए है ।

20% तक क्षति होने पर 7500 प्रति हेक्टेयर

20% से अधिक क्षति होने पर 10000 प्रति हेक्टयर

ऑनलाइन करने के लिए वेबसाइट
https://state.bihar.gov.in/cooperative पर विजिट करें 

टॉल फ्री नंबर - 18001800110

किसान भाइयों आप "बिहार राज्य फसल सहायता योजना" के अंतर्गत खरीफ 2023 मौसम हेतु ऑनलाइन निःशुल्क आवेदन करें। आवेदन की अंतिम तिथि - 31 अक्टूबर 2023आवेदन के समय किसानों के द्वारा फसल एवं बुआई के रकबा की जानकारी दी जानी आवश्यक है।

किसान भाइयों आप "बिहार राज्य फसल सहायता योजना" के अंतर्गत खरीफ 2023 मौसम हेतु ऑनलाइन निःशुल्क आवेदन करें। 
आवेदन की अंतिम तिथि - 31 अक्टूबर 2023
आवेदन के समय किसानों के द्वारा फसल एवं बुआई के रकबा की जानकारी दी जानी आवश्यक है। Https://www.Facebook.com/babulinayat

नव वर्ष कि हार्दिक शुभकामनाए एवं बधाई। बाबुल इनायत

अररिया जिला सहित प्रदेश एवं देशवासियों को नववर्ष 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं। आइये, नववर्ष में संकल्पित होकर निश्चय करें कि गरीबी...