Wednesday, June 14, 2023
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
Monday, June 12, 2023
आधी रात में मां की नींद खुल गई थी और बेटे को बहू के कमरे की बजाय अपने बिस्तर पर बच्चों की तरह आड़ा-तिरछा लेटा हुआ पाकर आज फिर उसका दिल आशंकाओं से भर उठा था....
Sunday, June 11, 2023
सामाजिक न्याय सद्भावना दिवस 11 जून न्याय के पुरोधा आदरणीय लालू प्रसाद यादव जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। :- बाबुल इनायत
आज कल कुछ नए नौजवान कहते है की लालू जी ने क्या किया ?
तो सुनो !! लालू जी ने बिहार को उबारा है, बिहार के दमित, शोषित लोगो को आवाज दिया है, उन्हें तन कर चलने का साहस दिया है। जिसके सामने आपके बाप दादाओ की औकाद खड़े होने की नही थी , आज उसके सामने आप नजर से नजर मिलाकर बोल रहे है ।
वो लालू प्रसाद यादव जी का देन है ।
वह समय याद करिए जब कर्पूरी ठाकुर जी जैसा गरीबो का मसीहा बिहार में मुख्यमंत्री रहते हुए विधानसभा में अपमानित हुए थे । पटना के चौराहों पर बिहार के मुख्यमंत्री श्री कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी मुख्यमंत्री की गाड़ी रोककर गालियां दी गयी थी और कर्पूरी जी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि गालियां देना इनका जन्मसिद्ध अधिकार है और हम लोग गालियां बर्दाश्त करने वाले लोग हैं।
एक वह समय था और एक वह समय आया जब लालू जी जैसा चमत्कारी नेतृत्व कर्पूरी जी के अरमानों को मूर्त रूप देना शुरू किये तो उन गालियां देने वालो की हलक सूख गई और कर्पूरी जी को गालियां देने वाले लालू जी के नेतृत्व में नारा लगाने लगे कि “कर्पूरी तेरे अरमानो को दिल्ली तक पँहुचाना है”....
लालू जी को पिछड़े-वंचित समाज के लोग जो उन्हें उनके योगदान को जाने बगैर तथा अपने पुरखों की दुर्गति को याद किये बगैर जब दोषारोपित करते हैं तो बड़ी कोफ्त होती है कि ये नई पीढ़ी के बदमिजाज लोग जिन्हें लालू जी के कारण चौराहे पर दबंगो के सामने बोलने की आवाज मिली है वे उसे ही और उनके योगदान को ही भूल गए ?
याद करना होगा 1977 का वह दौर जब बिहार के सामंती प्रबृत्ति के लोग पिछड़े वर्ग के मुख्यमंत्री को उनके मुंह पर गालियां देने की हिम्मत रखते थे और 1989 में लालू जी के सामने जमीन पर बैठने में भी गर्व महसूस करने लगे और कर्पूरी ठाकुर जी की संतानों को गले लगाने लगे ।
इसलिए इन्हें कहते हैं: #सामाजिक_न्याय_के_महानायक_लालू
गरीबों के मसीहा, सामाजिक न्याय के पुरोधा राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय श्री लालू प्रसाद जी का अवतरण दिवस धूमधाम से मनाया गया।
Saturday, June 10, 2023
लालू प्रसाद यादव जी को 76 वां जन्मदिन मुबारक।
आप सवाल पूछते है लालूवाद क्या है.? आज जवाब लीजिए।-आडवाणी की रथयात्रा रोक कर पूरे देश की साम्प्रदायिक ताकतों को चुनौती देना लालूवाद है।-मण्डल की लड़ाई के लिए बिहार जैसे पिछड़े राज्य में सामाजिक न्याय स्थापित करना लालूवाद है।-नालंदा का अतीत समेटकर गुज़ारा करने वाले राज्य में 6 विश्विद्यालय खोलना लालूवाद है।-कमेरा वर्ग को उनके ताकत का अहसास करवाने के लिए कुर्ते के ऊपर बनियान पहनकर जनसभा करना लालूवाद है।-कुम्हार वर्ग को सशक्त करने के लिए रेलवे में बिकने वाली चाय को मिट्टी की कुल्हड़ में अनिवार्य करना लालूवाद है।-एकलव्य का अँगूठा माँगने वाले देश में दलित-पिछड़े-आदिवासी समाज के बच्चों के लिए “पढ़ो या मरो” का नारा देकर चरवाहा विद्यालय खोलना लालूवाद है।-भारतीय वर्ण व्यवस्था में जातिगत अन्याय का प्रतिकार कर समतामूलक समाज की परिकल्पना लालूवाद है।-विदेशी बताकर विरोध झेलती इंदिरा गांधी की बहू के लिए चट्टान की भाँति अड़ जाना लालूवाद है।-सामन्तवाद के सीने पर लात रख के बिहार का मुस्तक़बिल संवार देना लालूवाद है।-वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल होते रहे बिहार के अल्पसंख्यक समाज को मुख्यधारा का हिस्सा बनाना ही लालूवाद है।-90 के दशक में बिहार के विश्विद्यालयों के लिए 156 करोड़ का बज़ट लालूवाद की गवाही देते हैं।-सिर पर मैला ढोने की अमानुषिक प्रथा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान करवाना लालूवाद है।-महिलाओं के लिए माहवारी के दिनों में दो दिनों के अवकाश का प्रावधान करना लालूवाद है।- ताड़ी कर माँफ कर के ताड़ी बेचने वाले पासी समाज को सशक्त करना लालूवाद है। दरअसल, बिहार की जीवनधारा में समाजवादी विचारधारा रखने वाला हर व्यक्ति लालूवादी है। सामन्तवादी, सांप्रदायिक ताकतों से लोहा लेते हुए दलित-पिछड़े-आदिवासी समाज के हक के लिए लड़ने वाला प्रत्येक इंसान लालूवादी है। लालूजी के अलंबरदारों के लिए लालूवाद एक विचारधारा है। पूरे देश को सद्भावना दिवस की शुभकामनाएं।
भारत रत्न, पूज्य बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।
बाबा साहेब की विचारधारा और संघर्ष आज भी हमें सामाजिक न्याय, समानता और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में प्रेरणा देते हैं। उनके सिद्धां...

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कृषकों के आर्थिक आमदनी में वृद्धि, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव में कमी एवं उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति करने हेतु निजी भूमि पर वृक्षार...
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न कश्चित कस्यचित मित्रं न कश्चित कस्यचित रिपु:। व्यवहारेण जायन्ते, मित्राणि रिप्वस्तथा।। अर्थ – न कोई किसी का मित्र होता है। न कोई किसी ...