लोगों का मानना है कि युवा उद्वेलित होता है , युवा उचृंखल होता है , युवा दीगभ्रमित होता है। परन्तु मेरा ये मानना है कि ऐसी बातों का सत्यता से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नही है। युवा जब- जब संगठित हुये हैं, इतिहास बना है, युवा जब-जब चाहा है समाज को नयी दिशा मिली है, युवाओं की सोच ही विकास की परिभाषा गढ़ती रही है और गढ़ती रहेगी।
-बाबुल इनायत सामाजिक कार्यकर्ता खाबदह नरपतगंज अररिया
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