Tuesday, August 31, 2021
राजद नेता बाबुल इनायत ने कोविशिल्ड वैक्सीन का दूसरा डोज अपने पंचायत खाबदह में अपने परिवार के सदस्यों के साथ लिया।
Sunday, August 29, 2021
Saturday, August 28, 2021
चिन्दीचोरी से सफर की शुरुआत करने वाला व्यक्ति कितनी भी ऊंचाई पर क्यों न चला जाए अपनी आदत नहीं छोड़ सकता ।वो कहावत है न, आदमी का नेचर और सिग्नेचर कभी नहीं बदलता।- राजद नेता बाबुल इनायत
Tuesday, August 17, 2021
75 वाँ स्वंतत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई।
आज पन्द्रह अगस्त ह । अंग्रेजन से आज़ादी मिलला 75 बरिष हो गइल । जवना घरी अग्रेजन के राज हमनी के देश में रहल ओह घरी लागत रहे कि देश के सभ समस्या के कारण इहे गोरा लोग बा । भुखमरी,बेरोजगारी ,कुपोषण ,महामारी जइसन समस्या से हमनी के देश त्रस्त रहे । हमनी के पुरखन के लागल की जब तक मुल्क अंग्रेजी राज के गुलामी से मुक्त ना होखी तबतक इ सब समस्या के सामाधान ना होइ ।
त सभे लोग अंग्रेजन के देश से भगावे में लाग गइल । बहुत बड़ - बड़ कुर्बानी देला के बाद अंग्रेज हमनी के देश छोड़ के भगलन स । आ आपन राज आइल । लेकिन आज भी समस्या जस के तस बा ।
आजु पचहत्तर बरिश के बाद हमनी भूख,बेरोजगारी ,महंगाई आ महामारी जइसन समस्या से त्रस्त बानी जा । आजादी के बाद देश के करोड़ो मजदूर - किसान के पसीना के बदौलत बनल देश के संस्थान हमनी के सरकार लगातार बेच रहल बिया । अइसन बुझाता की देश मे दुबारा कम्पनी राज स्थापित करे के तैयारी हो रहल बा । भगत सिंह ठीके कहले रहन की अभी हमनी के गोर अंग्रेजन से लड़ाई बा लेकिन काल्ह करिया अंग्रेजन से भी हमनी के लड़े खातिर तैयार रहे के होइ ।
त भगत सिंह की राह हीं मुक्ति के राह बा। आई हमनी कुर्बानी से मिलल आज़ादी के बरकरार रखे खातिर लागातार संघर्ष करे के संकल्प लिहल जाव ।
आज़ादी ज़िंदाबाद ✊✊✊
- राजद नेता बाबुल इनायत।
Saturday, August 14, 2021
राजद नेता बाबुल इनायत ने युवाओं के सहयोग से बनाया बांस का चचरी पुल।
भारत रत्न, पूज्य बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।
बाबा साहेब की विचारधारा और संघर्ष आज भी हमें सामाजिक न्याय, समानता और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में प्रेरणा देते हैं। उनके सिद्धां...

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कृषकों के आर्थिक आमदनी में वृद्धि, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव में कमी एवं उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति करने हेतु निजी भूमि पर वृक्षार...
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न कश्चित कस्यचित मित्रं न कश्चित कस्यचित रिपु:। व्यवहारेण जायन्ते, मित्राणि रिप्वस्तथा।। अर्थ – न कोई किसी का मित्र होता है। न कोई किसी ...