जब सत्ता के शीर्ष पर अंग्रेज़ो की चापलूसी करने वालो की नस्ले हों ,जब सत्ता के शीर्ष पर गांधी की हत्या वाली विचारधारा काबिज़ हो,जब सत्ता के शीर्ष पर वो लोग काबिज़ हों जिनका मुल्क की आज़ादी में कोई योगदान न होकर मुखबिरी करना रहा हो,जब सत्ता के शीर्ष पर वो लोग हों जो अज़हर मसूद को कंधार तक छोड़ आने वाले पार्टी के लोग हों,जब एक जानवर के नाम पर इंसानो की हत्या करने वालो के परोक्ष समर्थक सत्ता के शीर्ष पर हों ,जब संविधान और लोकतंत्र की हत्या करने वाले सरकार में हों,जब माँ के पेट को चीर कर अजन्मे वजूद की हत्या करने वाले सरकार में हों, तो फिर अघोषित आपातकाल कोई अचंभा नही हैं, वही सवाल उठाएगा जो निष्पक्ष होगा जो लोकतंत्र की बात करेगा जो इन्साफ की बात करेगा या तो हिंसक पशु वाली मानसिकता वाली भीड़ उनको मार डालेगी या देश द्रोही कह डालेगी क्योंकि सवालो के जवाब होंगे नही ,सिर्फ जुमला बाज़ी बकलोली आतंक नफरत गुंडागर्दी के सिवा उनके पास कुछ भी नही ।
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भारत रत्न, पूज्य बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।
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