Monday, July 2, 2018

अपनी जगह यह बात सही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाजपा-संघ से आते हैं! पर वह इस वक्त भारत के प्रधानमंत्री हैं। हम सबके प्रधानमंत्री! वह जब कभी सार्वजनिक मंच से कोई वक्तव्य देते हैं, वह प्रधानमंत्री का आधिकारिक बयान होता है! इसलिए माननीय प्रधानमंत्री को अपने दफ्तर में अच्छे, समझदार और पढ़े-लिखे भाषण-लेखक( स्पीच राइटर) रखने चाहिए! ऐसा लगता है कि उनके स्पीच राइटर भी 'संघ-परिवार' से आ गये हैं! ज्ञात-इतिहास की तारीखें और महापुरूषों के कार्यकाल तक बदल दे रहे हैं!
ऐसे 'स्पीच-राइटर' हमारे प्रधानमंत्री से ग़लत-सलत बोलवा देते हैं! दिल्ली से दावोस, पटना से मगहर, कई बार ऐसे 'भाषण-ब्लंडर' हो चुके हैं! ऐसी ग़लत-सलत तकरीरों का भाजपा के बड़बोले और झगड़ालू टीवी प्रवक्ता भी बचाव नहीं कर पाते! दो तीन दिन पहले भी यही हुआ। एक प्रमुख चैनल पर प्रधानमंत्री के मगहर भाषण पर चर्चा हो रही थी। पैनल में एक बड़बोले भाजपा प्रवक्ता भी मौजूद थे। जब सवाल उठा कि प्रधानमंत्री जी ने 11-12वीं सदी के गुरु गोरखनाथ और 15वीं सदी के कबीर के बीच मगहर में आध्यात्मिक चर्चा कैसे करा दी, भाई!
उस वक्त, भाजपा प्रवक्ता चाहकर भी कुछ बोल नहीं सका! मजे की बात है, प्रधानमंत्री जी ने गुरु गोरखनाथ और संत कबीर के समकालीन होने की बात ऐसे मंच से की, जहां गोरखनाथ के नाम से विख्यात गोरखपुर के मठ के मठाधीश और यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ जी भी मौजूद थे! बेचारे, क्या कहते प्रधानमंत्री को!
इसलिए प्रधानमंत्री को मेरी बात का बुरा न मानते हुए अपने 'स्पीच-राइटर' फौरन बदल देना चाहिए! यह बात मैं देशहित में कह रहा हूं! और हां, संघ परिवार के बाहर के लोगों को स्पीच राइटर बनाया जाना चाहिए! आप, हम सबके प्रधानमंत्री हैं, सर!

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