●▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬●
*बहुत शानदार बात लिखी*
गाँव में *नीम* के पेड़ कम हो रहे है ! घरों में *कड़वाहट* बढती जा रही है !
जुबान में *मीठास* कम हो रही है,
शरीर मे *शुगर* बढती जा रही है !
किसी महा पुरुष ने सच ही कहा था की जब *किताबे* सड़क किनारे रख कर बिकेगी और *जूते* काँच के शोरूम में तब समझ जाना के लोगों को ज्ञान की नहीं जूते की जरुरत है।
*Babul Inayat*
*Https://www.facebook.com/babulinayat*
●▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬●
*बहुत शानदार बात लिखी*
गाँव में *नीम* के पेड़ कम हो रहे है ! घरों में *कड़वाहट* बढती जा रही है !
जुबान में *मीठास* कम हो रही है,
शरीर मे *शुगर* बढती जा रही है !
किसी महा पुरुष ने सच ही कहा था की जब *किताबे* सड़क किनारे रख कर बिकेगी और *जूते* काँच के शोरूम में तब समझ जाना के लोगों को ज्ञान की नहीं जूते की जरुरत है।
*Babul Inayat*
*Https://www.facebook.com/babulinayat*
●▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬●
ReplyDeleteEnter your comment...