Thursday, January 6, 2022

ठंड और तृतीय लहर से बचिए। -बाबुल इनायत

हम नेताओं की चिंता क्यों करें !

हर जगह यही चर्चा है कि मोदी जी की जान को खतरा है। आम जन आरोप प्रत्यारोप में मरे जा रहे हैं। 

प्रैक्टिकली तो भाई लोग ये इन नेताओं की आपसी लड़ाई है बस।  ना ही तो देश की सुरक्षा एजेंसी कमज़ोर हैं और ना ही देश । ये सब सिर्फ सत्ता संघर्ष की रणनीतियाँ हैं, इससे ज़्यादा और कुछ नहीं है। 

अभी फिर से सम्पूर्ण लॉक डाउन लगने के आसार लग रहे हैं। 
याद करो पिछला साल जब आप और हम ऑक्सीजन, बैड, औऱ दवाओं के लिए भटक रहे थे । और सभी पार्टियों के नेता बड़े से बड़े अस्पतालों में अपना और अपने परिजनों का इलाज करा कर अपने बंगलों में दुबके हुए थे ।

पिछला साल क्यों ! अभी का ही देख लीजिए कि स्कूल कॉलेज,बाज़ार सब बन्द कर दिए हैं लेकिन नेताओं की रैलियां और भीड़ जुटाने का काम बदस्तूर जारी है। अगर इनको वाक़ई चिंता होती आपकी हमारी तो सबसे पहले तो रैली ही बन्द करते ।

तो  अगर आप प्रत्यक्ष रूप से इनसे जुड़े नहीं हैं तो इनके पीछे हद से ज़्यादा पिछलग्गू बनना बन्द करें। 

ये सब चोर-चोर मौसेरे भाई हैं।  बस एक दूसरे पे आरोप लगाएंगे, जेल में डालने की बात करेंगे । पर चुनाव के बाद कौन जेल में जाता है, कौन नहीं .. ये सबको पता है !

तो ज़्यादा सीरियस होने की ज़रूरत नहीं है । सीरियस होइये तो अपने और अपने परिवार के लिए ।

ठण्ड और तृतीय लहर से बचें रहें।
- बाबुल इनायत 

बाबुल इनायत फाइल फोटो

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2 comments:

  1. हम नेताओं की चिंता क्यों करें !

    हर जगह यही चर्चा है कि मोदी जी की जान को खतरा है। आम जन आरोप प्रत्यारोप में मरे जा रहे हैं।

    प्रैक्टिकली तो भाई लोग ये इन नेताओं की आपसी लड़ाई है बस। ना ही तो देश की सुरक्षा एजेंसी कमज़ोर हैं और ना ही देश । ये सब सिर्फ सत्ता संघर्ष की रणनीतियाँ हैं, इससे ज़्यादा और कुछ नहीं है।

    अभी फिर से सम्पूर्ण लॉक डाउन लगने के आसार लग रहे हैं।
    याद करो पिछला साल जब आप और हम ऑक्सीजन, बैड, औऱ दवाओं के लिए भटक रहे थे । और सभी पार्टियों के नेता बड़े से बड़े अस्पतालों में अपना और अपने परिजनों का इलाज करा कर अपने बंगलों में दुबके हुए थे ।

    पिछला साल क्यों ! अभी का ही देख लीजिए कि स्कूल कॉलेज,बाज़ार सब बन्द कर दिए हैं लेकिन नेताओं की रैलियां और भीड़ जुटाने का काम बदस्तूर जारी है। अगर इनको वाक़ई चिंता होती आपकी हमारी तो सबसे पहले तो रैली ही बन्द करते ।

    तो अगर आप प्रत्यक्ष रूप से इनसे जुड़े नहीं हैं तो इनके पीछे हद से ज़्यादा पिछलग्गू बनना बन्द करें।

    ये सब चोर-चोर मौसेरे भाई हैं। बस एक दूसरे पे आरोप लगाएंगे, जेल में डालने की बात करेंगे । पर चुनाव के बाद कौन जेल में जाता है, कौन नहीं .. ये सबको पता है !

    तो ज़्यादा सीरियस होने की ज़रूरत नहीं है । सीरियस होइये तो अपने और अपने परिवार के लिए ।

    ठण्ड और तृतीय लहर से बचें रहें।

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