जिस देश की पुलिस जंग लगा तमंचा या गांजे की पुड़िया की फर्जी बरामदगी दिखाकर किसी को भी जेल भेज देती है,उस देश की पुलिस से आप ट्रैफिक चालान काटने में ईमानदारी की उम्मीद कैसे कर सकते हैं ? शुरुआत में एम वी एक्ट में बड़े बड़े चालान बड़ी ईमानदारी से काटे जाएंगे। इतना ज्यादा कि जनता में ट्रैफिक चालान के नाम पर दहशत फैल जाएगी। महानगरों में फोटोयुक्त ई- चालान और छोटे शहरों,कस्बों में नाम,जाति,धर्म चेक करके एमवी एक्ट की धाराएं तय की जाएंगी। असली खेल तो 3 महीने बाद शुरू होगा। पूरा का पूरा सिस्टम सरकार के इस फैसले से अपार हर्षित है। याद रखिये ये उसी देश की पुलिस है,जो फर्जी केस बनाने और फर्जी एनकाउंटर के लिए कुख्यात है। दरोगा लोगों की तो निकल पड़ी। आम पब्लिक के लिए तो ये सब भी राष्ट्रवाद की श्रेणी में आ गया है। नियमो का पालन कीजिये और चालान से बचिए,जैसे नैतिक वाक्य भी खूब बोले जा रहे हैं। गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल पर बात करना या न करना कैसे साबित करोगे ? प्रदूषण प्रमाणपत्र से लेकर चप्पल पहन कर गाड़ी चलाने,नम्बर प्लेट के मानक जैसे तमाम पेंच हैं जिनके बारे में पब्लिक को पता ही नही है। जिसको नापना होगा उसके पास हजार तरीके हैं। आप अपनी नैतिकता का अचार बना कर रखे रहिये। सऊदी अरब के कड़े नियमो का हवाला देकर भारत से तुलना करने वालों का इस पोस्ट पर विशेष स्वागत है ! लोकतंत्र को तानाशाही में बदलने के लिए इसीतरह के छोटे छोटे प्रयोग कर जनता की सहन शक्ति परखी जाती है। अभी आप नही समझ रहे हैं !
Thursday, September 5, 2019
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
भारत रत्न, पूज्य बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।
बाबा साहेब की विचारधारा और संघर्ष आज भी हमें सामाजिक न्याय, समानता और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में प्रेरणा देते हैं। उनके सिद्धां...

-
कृषकों के आर्थिक आमदनी में वृद्धि, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव में कमी एवं उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति करने हेतु निजी भूमि पर वृक्षार...
-
न कश्चित कस्यचित मित्रं न कश्चित कस्यचित रिपु:। व्यवहारेण जायन्ते, मित्राणि रिप्वस्तथा।। अर्थ – न कोई किसी का मित्र होता है। न कोई किसी ...
No comments:
Post a Comment