Saturday, March 30, 2019

आदरणीय लालू प्रसाद यादव जी जब मुसहर महिला को पहचान कर बोला "सुखमनी तुम यहाँ"

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आदरणीय लालू प्रसाद यादव जी जब मुसहर महिला को पहचान कर बोला ..... "सुखमनी तुम यहाँ"




लालू जी की याददाश्त बहुत ग़ज़ब की है. एक बार वो जिससे मिल लेते हैं, उनका नाम और चेहरा कभी नहीं भूलते।

"एक बार लालू जी एक पब्लिक मीटिंग में गए थे। वहाँ पर एक बड़ा सा लोहे वाला माइक लटका हुआ था। एक फटी दरी लगी हुई थी। 'ऑर्गनाइज़र' भी वहाँ से नदारद थे। नेता लोग अमूमन देर से पहुंचते हैं। लालू जी थोड़ा पहले पहुंच गए।"

"जब लालू जी पहुंचे तो मुसहर लोगों के टोले में रहने वाले लोगों ने सबसे पहले लालू जी सब को देखा। वो भागते हुए वहाँ पहुंचे। एक युवती लालू जी की नज़रों को पकड़ने की कोशिश कर रही थी। उसके हाथ में एक बच्चा था। लालू जी ने उसको देखते ही पूछा, 'सुखमनी तुम यहाँ कैसे? तुम्हारी शादी यहीं हुई है क्या?' फिर लालू ने उसकी दूसरी बहन का नाम ले कर पूछा कि वो कहाँ है? उसने बताया कि बगल वाले गाँव में उसकी भी शादी हुई है। लालू जी ने तुरंत अपनी जेब से पाँच सौ रुपये का नोट निकाल कर उसे देते हुए कहा कि इससे बच्चे के लिए मिठाई वग़ैरह ख़रीद लेना।"

सबको बड़ा ताज्जुब हुआ कि एक ग़रीब औरत को लालू जी न सिर्फ़ नाम ले कर बुला रहे हैं, बल्कि उसकी बहन के बारे में भी पूछ रहे हैं। लालू जी बताते हैं  कि मुख्यमंत्री बनने से पहले जब वो पटना के वेटरिनरी कॉलेज में रहा करते थे, तो उक्त महिला वहीं पास के मुसहर टोला में रहती थी। लालू यादव जी सालों गुज़र जाने के बाद भी उसे नहीं भूले थे। ये जो लालू जी की महान शख़्सियत है, यही उनकी ताक़त है।" हर गरीब के दिलों में लालू जी का नाम बसा है।

यह वाकया शिवानंद तिवारी जी ने बीबीसी को बताया था।











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