आज शुबह अखबार देख रहा था मुख्य पृष्ठ से पहले के 4 पन्ने AMEZON,Filipcart और snapdeal के विज्ञापन से भरे हुए हैं। मतलब एक पेज के लिए कम से कम एक लाख का भुगतान किया गया होगा। पिछला पेज canon कैमरे का एड छापा है। मने डेढ़ लाख पक्के। कुल मिलाकर आज की तारीख में हर अखबार ने साढ़े पाँच लाख कमा लिए। सरकार का अपरोक्ष रोल है। अपनी कृपापात्र कम्पनियों से रिश्वत लेने का ये पुराना तरीका है। जहाँ कैश नही चलता ,वहाँ इस तरह काइंड से काम चला लिया जाता है। गुजरात आदेश दे कि फलाने अखबार,चैनल को विज्ञापन दो , कौन मना कर पायेगा ? कम पैसों में मोबाइल,
कपड़े ,साड़ी ,जींस के आगे किसको पड़ी है ,जो वो रॉफेल घोटाले की खबर ढूंढ कर पढ़े। अखबारों की सम्पदकोय पढ़िए। आपको संपादक की जगह एक रेंगने वाला कीड़ा दिखेगा, जो दया का पात्र है। आप जो पढ़ना चाहते हैं उसे अखबार छापते ही नही हैं। आप जो देखना चाहते हैं उसे टीवी न्यूज चैनल दिखाते ही नहीं। आप जिन मुद्दों पर टीवी चैनलों की बहस देखते हैं उनमें विपक्ष के कमजोर प्रवक्ताओं को बुलाया जाता है,जो भाजपाई प्रवक्ताओं की तरह नंगई नही कर पाते,जो सरकारी पिट्ठू डिबेट एंकर की तरह लाउडस्पीकर बन कर चिल्ला चिल्ली नही कर पाते। इसका उपाय क्या है ? उपाय है न, सोशल मीडिया को पकड़ कर रखिये। एक दूसरे की पोस्ट को लाइक कमेंट कर फैलाइये। टैग,कॉपी वालों को थैंक्यू बोलिये। इसके अलावा मेरे पास फिलहाल कोई दूसरा प्लान नही है।
#babulinayat
कपड़े ,साड़ी ,जींस के आगे किसको पड़ी है ,जो वो रॉफेल घोटाले की खबर ढूंढ कर पढ़े। अखबारों की सम्पदकोय पढ़िए। आपको संपादक की जगह एक रेंगने वाला कीड़ा दिखेगा, जो दया का पात्र है। आप जो पढ़ना चाहते हैं उसे अखबार छापते ही नही हैं। आप जो देखना चाहते हैं उसे टीवी न्यूज चैनल दिखाते ही नहीं। आप जिन मुद्दों पर टीवी चैनलों की बहस देखते हैं उनमें विपक्ष के कमजोर प्रवक्ताओं को बुलाया जाता है,जो भाजपाई प्रवक्ताओं की तरह नंगई नही कर पाते,जो सरकारी पिट्ठू डिबेट एंकर की तरह लाउडस्पीकर बन कर चिल्ला चिल्ली नही कर पाते। इसका उपाय क्या है ? उपाय है न, सोशल मीडिया को पकड़ कर रखिये। एक दूसरे की पोस्ट को लाइक कमेंट कर फैलाइये। टैग,कॉपी वालों को थैंक्यू बोलिये। इसके अलावा मेरे पास फिलहाल कोई दूसरा प्लान नही है।
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बाबुल इनायत
9507860937
सोशल मीडिया प्रभारी राजद अररिया बिहार
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