Tuesday, April 3, 2018

आरक्षण का मैं समर्थन करता हूँ। बाबुल इनायत

मैं आरक्षण समर्थक हूँ ,हमलोग दलित,आदिवासी,अतिपिछड़ा,पिछड़ा के साथ एक कतार में खड़े हैं ,इस पर आप हमसे बहस कर सकतें हैं,इस लाइन में खड़े लोगों को प्रतिनिधित्व के अवसरों की घोर कमी आज खलती है।इस पर सार्थक बात होनी चाहिए।जब तक जाती श्रेष्ठ का आरक्षण देश मे रहेगा ,आरक्षण भी रहेगा।
जिस आरक्षण की हम यहाँ बात करना चाहते हैं, वो प्रतिनिधित्व के लिये है, किसी पहचाने हुए वंचित समुदाय को तमाम सामाजिक बाधाओं से बचाकर उनको सिस्टम में पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिलाने के लिये है। नौकरी देकर गरीबी हटाना इसका मकसद नहीं है, इतनी नौकरी हैं ही नहीं।
कभी सोचा है की हम क्यों पाकिस्तान के योग्यतम आदमी को अपने कोर्ट मे जज नहीं बना सकते? अगर मेरिट ही एकमात्र पैमाना है तो हमे अपनी सारी नौकरियाँ पूरे विश्व के लिये क्यों नहीं खौल देनी चाहिये? सरकारी भी और प्राइवेट भी।पर क्या फिर हमारे कथित दिमाग वाले नौकरी ले पायेंगे?
आप लोग एक उदहारण से समझिये-अब अगर संयुक्त राष्ट्र मे भारत के प्रतिनिधित्व के लिये एक पोस्ट निकलती है, तो इस बात फर्क नहीं पड़ता की भारत से चुना जाने वाला व्यक्ति अमीर है या गरीब।लेकिन उसका भारतीय होना सबसे जरूरी है।साथ ही ये भी समझने की कोशिश करें की संयुक्त राष्ट्र ने एक जॉब इसलिये नहीं निकाली थी की उसे किसी एक भारतीय की गरीबी इस जॉब से मिटानी है, बल्कि इसलिये निकाली ताकि कोई एक चुना हुआ व्यक्ति भारत की आवाज संयुक्त राष्ट्र मे रख सके।
आज 10%लोग ९०%से अधिकतर पदों पर बैठे हैं इसमे 90%आवादी वाले लोगों का प्रतिनिधित्व आप देख सकतें हैं नगण्य है।
आरक्षण का उद्देश्य ये कतई नहीं है की किसी समाज के हर व्यक्ति का कल्याण आरक्षण के ही मध्यम से होगा, बल्कि आरक्षण केवल उस वर्ग के लोगों को तरह तरह के क्षेत्रो मे प्रतिनिधित्व दिलाता है ताकि उस वर्ग के लोगों को जो भेदभाव उच्च वर्गीय कर्मियों द्वारा झेलने पड़ते हैं, उनमे कुछ कमी आ सके और वंचित वर्ग की भी आवाज़ सुनी जा सके। इसलिए आरक्षण आबादी के अनुपात मे मिलता है, ग़रीबी के नहीं।
प्रतिनिधित्व कौन करेगा ये सवाल सामने होता है, ताकी नौकरी और रोज़गार किसे दिया जाए, क्योंकि प्रतिनिधित्व से नौकरी और रोज़गार भी मिलता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, तो ज़्यादातर बंधु आरक्षण को सिर्फ़ नौकरी, रोज़गार और ग़रीबी हटाने का साधन मान बैठे हैं, जो की ग़लत है.
बाबुल इनायत
9507860937



3 comments:

  1. मैं आरक्षण समर्थक हूँ ,हमलोग दलित,आदिवासी,अतिपिछड़ा,पिछड़ा के साथ एक कतार में खड़े हैं ,इस पर आप हमसे बहस कर सकतें हैं,इस लाइन में खड़े लोगों को प्रतिनिधित्व के अवसरों की घोर कमी आज खलती है।इस पर सार्थक बात होनी चाहिए।जब तक जाती श्रेष्ठ का आरक्षण देश मे रहेगा ,आरक्षण भी रहेगा।

    जिस आरक्षण की हम यहाँ बात करना चाहते हैं, वो प्रतिनिधित्व के लिये है, किसी पहचाने हुए वंचित समुदाय को तमाम सामाजिक बाधाओं से बचाकर उनको सिस्टम में पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिलाने के लिये है। नौकरी देकर गरीबी हटाना इसका मकसद नहीं है, इतनी नौकरी हैं ही नहीं।

    कभी सोचा है की हम क्यों पाकिस्तान के योग्यतम आदमी को अपने कोर्ट मे जज नहीं बना सकते? अगर मेरिट ही एकमात्र पैमाना है तो हमे अपनी सारी नौकरियाँ पूरे विश्व के लिये क्यों नहीं खौल देनी चाहिये? सरकारी भी और प्राइवेट भी।पर क्या फिर हमारे कथित दिमाग वाले नौकरी ले पायेंगे?

    आप लोग एक उदहारण से समझिये-अब अगर संयुक्त राष्ट्र मे भारत के प्रतिनिधित्व के लिये एक पोस्ट निकलती है, तो इस बात फर्क नहीं पड़ता की भारत से चुना जाने वाला व्यक्ति अमीर है या गरीब।लेकिन उसका भारतीय होना सबसे जरूरी है।साथ ही ये भी समझने की कोशिश करें की संयुक्त राष्ट्र ने एक जॉब इसलिये नहीं निकाली थी की उसे किसी एक भारतीय की गरीबी इस जॉब से मिटानी है, बल्कि इसलिये निकाली ताकि कोई एक चुना हुआ व्यक्ति भारत की आवाज संयुक्त राष्ट्र मे रख सके।

    आज 10%लोग ९०%से अधिकतर पदों पर बैठे हैं इसमे 90%आवादी वाले लोगों का प्रतिनिधित्व आप देख सकतें हैं नगण्य है।

    आरक्षण का उद्देश्य ये कतई नहीं है की किसी समाज के हर व्यक्ति का कल्याण आरक्षण के ही मध्यम से होगा, बल्कि आरक्षण केवल उस वर्ग के लोगों को तरह तरह के क्षेत्रो मे प्रतिनिधित्व दिलाता है ताकि उस वर्ग के लोगों को जो भेदभाव उच्च वर्गीय कर्मियों द्वारा झेलने पड़ते हैं, उनमे कुछ कमी आ सके और वंचित वर्ग की भी आवाज़ सुनी जा सके। इसलिए आरक्षण आबादी के अनुपात मे मिलता है, ग़रीबी के नहीं।

    प्रतिनिधित्व कौन करेगा ये सवाल सामने होता है, ताकी नौकरी और रोज़गार किसे दिया जाए, क्योंकि प्रतिनिधित्व से नौकरी और रोज़गार भी मिलता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, तो ज़्यादातर बंधु आरक्षण को सिर्फ़ नौकरी, रोज़गार और ग़रीबी हटाने का साधन मान बैठे हैं, जो की ग़लत है.

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  2. I agree with you & yes also support Reservation

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